केन्द्रीय कर्मचारियों के लिए यह साल खुशियाँ लेकर आया है सातवें वेतन आयोग को कांग्रेस सरकार द्वारा जाने से पूर्व यानि लगभग दो वर्ष पूर्व ही कमेटी गठित कर दी थी आप को बता दे की कमेटी द्वारा सरकार को ओसतन 23.5 प्रतिशत की वृद्धि की सिफारिश की गयी है जिससे सरकार पर तक़रीबन एक लाख करोड़ का असर पड़ेगा। यह वेतन योग कर्मचारियों पर 01-01-2016 से लागु समझा जायेगा। हालाँकि इसका भुगतान किस तरह से किया जायेगा इसका अभी खुलासा नहीं हो पाया है। लेकिन यह एरेअर के रूप में या तो किस्तों में या एकमुश्त दिए जाने की सम्भावना हो सकती है। इसके लिए सरकार द्वारा जो वृद्धि की जाएगी वह 2.57 से गुना करके बनायीं जा सकती ।
वेतनभोगी पर असर - एक नज़र
वेतनभोगी कर्मचारियों को न्यूनतम वेतन सीमा 7000/- से बढाकर 18000/- रूपए कर दी गयी है जबकि अशिकतम वेतन की सीमा 2.50 लाख तक कर दी गयी है।
कर्मचारियों की संख्या
वेतनभोगीयो में कर्मचारी 47 लाख सरकारी कर्मचारियों तथा 52 लाख से ज्यादा कर्मचारियों को मिलकर एक लाख के करीब कर्मचारियों को इसका लाभ होगा।
वितीय प्रभाव
सरकारी खजाने पर सालाना 1 लाख करोड़ का बोझ बताया जा रहा है
समझने योग्य तथ्य ।
सालाना एक लाख करोड़ का बोझ पड़ने का मतलब कुछ इस तरह से समझते है।
1 Crore Employee X 1 Lakh Salary Increment Per Year = 1 Lakh Crore Approximate
सातवें वेतन योग के लागु होने के बाद बाज़ार में पैसे का फ्लो ज्यादा होने के कारन कर्मचारी खर्च करने में ज्यादा सक्षम हो जायेंगे जिससे मार्किट के अन्दर डिमांड बढ़ जाएगी तथा इसके कारन रेट बढ़ने का भी अंदेशा है। हमारा देश दो हिस्सों में बनता हुआ है एक है संगठित और दूसरा असंगठित। संगठित क्षेत्र में सभी बड़े बड़े उद्योग तथा संगठित उद्योग आ जाते हैं। असंगठित क्षेत्र में इसका काफी असर देखने को मिल सकता है ।